टूटा टूटा एक परिंदा ऐसे टूटा .......के फिर जुड़ ना पाया लूटा लूटा किसने उसको ऐसे लूटा ......के फिर उड़ ना पाया गिरता हुआ वो, आसमां से.....आकर गिरा ज़मीन पर ख्वाबों में फिर भी बादल ही थे.... वो कहता रहा मगर के अल्लाह के बन्दे हंस द....अल्लाह के बन्दे, अल्लाह के बन्दे हंस दे जो …
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